शुक्रवार, 6 जनवरी 2023

 ईश्वर ने नहीं किया है यह वादा


  


   ईश्वर ने नहीं किया है ये वादा

   कि आकाश रहेगा सदैव नीला,

   कि जीवन के हर पथ पर  मिलेंगे,

    तुम्हें   सर्वत्र फूल ही फूल बिछे हुए .


   यह  नहीं कहा कि,

   सूरज कभी ओझल न होगा,

  तुम्हारी दृष्टि से,

  और न कभीअतिवृष्टि  का प्रकोप,

   झेलना पड़ेगा तुम्हे.


    यह भी  नहीं कि दुःख  से अनछुए  रहकर

     केवल आनंद   में रहोगे सदैव  लिप्त

      और  पीड़ा का  अनुभव किये बिना ही

      महसूस कर लोगे उस  से मुक्त  होने पर

      मिलने वाला सुख.



       किन्तु दिया  है यह आश्वासन ,

       कि मिलती रहेगी तुम्हे दिन भर,

        काम करते रहने की ऊर्जा

       और थक जाने पर पाओगे

       विश्राम के लिए लम्बी रात.


     कि जीवन- पथ  पर अन्धकार तो मिलेगा

          यदा,कदा अवश्य ही 

           किन्तु प्रकाश भी रहेगा

            हमेशा , आस-पास .

           दिखाने के लिये रास्ता 


(डा. अबुल कलाम  की एक अंग्रेजी कविता का रूपान्तर )



 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तीर पर कैसे रुकूँ मैं

 क्षितिज तक लहरा रहा चिर -सजग सागर    संजोये अपनी अतल गहराइयों में    सीप, मुक्ता,हीरकों  के कोष अगणित  दौड़ती आतीं निरंतर बलवती उद्दाम लहरें...