युद्ध की समाप्ति पर
शेष रह जायेगा ऐसा क्या
जिसे देख - सुनकर सुख पाओगे
और गर्व कर सकोगे तुम
अपनी तथाकथित उपलब्धियों पर?
रह सकोगे संतुलित देख कर भी
सर्वत्र बिखरे विनाश के चिह्न
जिनके मौन में भी मुखरित हो रहा होगा
निर्दोष पीड़ितों का करुण क्रन्दन ?
विचलित नहीं करेंगे क्या तुम्हें
खंडहर बने घर, स्कूल, बाज़ार
मलबे में बदली ऊँची इमारतें
और लावारिस पड़े अनगिनत शव?
श्मशान की सी शांति के बीच भी
गूँजेंगे नहीं क्या तुम्हारे कानों में
असमय ही प्रियजनों को खो देने वाले
शोक -संतप्त लोगों के मर्मभेदी विलाप?
कौन विजयी होता है, कौन पराजित
यह जानने में तनिक भी रूचि नहीं मेरी
चाहती हूँ बस कि लगे पूर्ण विराम शीघ्र
इस अंतहीन प्रतीत होते संघर्ष पर.
सर्व -विदित हैं कि युद्ध नहीं स्थायी समाधान
किसी भी विवाद का, और निश्चित ही
घातक और दूरगामी होते हैं उसके परिणाम,
सभी सम्बन्धित पक्षों के लिये.
सब कुछ नष्ट हो जाने के बाद भी
समय तो बचा ही रहेगा यह पूछने कि --
युद्ध की विभीषिका में पल रहे बचपन के लिये,
किस तरह के भविष्य की नींव रख रहे हो तुम?
( विश्व के हर युद्ध -रत देश के लिये, किसी का भी पक्ष लिये बिना )
Photo by
Jordy Meow on unplash