शनिवार, 9 दिसंबर 2023

आशा के स्वर


 आशा के स्वर

यूँ तो मधुर होते हैं सदैव ही

किन्तु लगते हैं और भी अधिक कर्णप्रिय 

 जब निराशा के घनीभूत अंधकार में 

 नहीं दिखाई देता कोई भी रास्ता  


  सुनाई देते हैं ये उस एम्बुलेंस के सायरन में 

  जो भाग रही होती है बेतहाशा अस्पताल की ओर 

   दुर्घटना के शिकार घायलों को लेकर 

   ताकि बचाये जा सकें  उनके अमूल्य जीवन


  फायर ब्रिगेड की लगातार बजती घंटियों में

   जो दौड़ रही होती है घटनास्थल की ओर 

  अग्नि की विनाशकारी लपटों  से जूझ कर 

   जान -माल  की हानि  को रोकने.


   

 ग्रीष्म की चिलचिलाती  दोपहरी में 

राहत का सन्देश लेकर, अचानक ही

क्षितिज पर उमड़ आये  बादलों की 

 चिर - प्रतीक्षित  गड़गड़ाहट में.


     

     लम्बी  प्रतीक्षा के बाद 

    प्रसूति गृह से आती नवजात की किलकारी में 

   जो  संकेत देती अपार संभावनाओं  से पूर्ण 

    एक नये जीवन के आरम्भ का.


    आशा के स्वर होते हैं भिन्न एक दूसरे से

     किन्तु एक गुण  में हैं  वे समानधर्मी

     बहता रहता  है उन सबके  अंतर में

      जीवन- संघर्ष का सुमधुर संगीत.




    

   

  



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