आशा के स्वर
यूँ तो मधुर होते हैं सदैव ही
किन्तु लगते हैं और भी अधिक कर्णप्रिय
जब निराशा के घनीभूत अंधकार में
नहीं दिखाई देता कोई भी रास्ता
सुनाई देते हैं ये उस एम्बुलेंस के सायरन में
जो भाग रही होती है बेतहाशा अस्पताल की ओर
दुर्घटना के शिकार घायलों को लेकर
ताकि बचाये जा सकें उनके अमूल्य जीवन
फायर ब्रिगेड की लगातार बजती घंटियों में
जो दौड़ रही होती है घटनास्थल की ओर
अग्नि की विनाशकारी लपटों से जूझ कर
जान -माल की हानि को रोकने.
ग्रीष्म की चिलचिलाती दोपहरी में
राहत का सन्देश लेकर, अचानक ही
क्षितिज पर उमड़ आये बादलों की
चिर - प्रतीक्षित गड़गड़ाहट में.
लम्बी प्रतीक्षा के बाद
प्रसूति गृह से आती नवजात की किलकारी में
जो संकेत देती अपार संभावनाओं से पूर्ण
एक नये जीवन के आरम्भ का.
आशा के स्वर होते हैं भिन्न एक दूसरे से
किन्तु एक गुण में हैं वे समानधर्मी
बहता रहता है उन सबके अंतर में
जीवन- संघर्ष का सुमधुर संगीत.
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