रविवार, 9 जुलाई 2023

दुनिया को नहीं चाहिए ....


    दुनिया को नहीं चाहिए,

    गगनचुम्बी  इमारतों वाले   महानगर ,

    वैभव , विलासिता के सामान से पटे बाज़ार,

    मनोरंजन के नये - नये  साधन 

    और कभी  समाप्त न होने वाले मुद्रा भण्डार.


    नहीं चाहिए,

   महाविनाश  के उपकरण तैयार करती,

   अत्याधुनिक  प्रयोगशालाएं, कारखाने ,

   अपनी क्रूर महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिये

   विश्व भर को अस्थिर करते  विवेकशून्य  -

   युद्ध - पिपासु राजनेता.


    नहीं चाहिए,

   ऐसे  हठधर्मी शासक जो आत्मघाती निर्णयों से -

   युद्ध  की आग में सारे देश को  झोंक दें 

  और पीढियों की संजोई विरासत को,

  राख के ढेर में बदलते देख कर भी

   विचलित  न हों


     आज  तो चाहिए 

     शांति , प्रेम, मानवता के पक्षधर जन- नायक

     जो  देश - धर्म की सीमाओं से  इतर   

     बचा सकें मानव मात्र के अस्तित्व को , 

     उसकी  सुविकसित  सभ्यता की 

     अनमोल धरोहर  सहित.

   


     

   

  

    

  

  

   

  


   

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