बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

बुझने न देना कभी ...




  बुझने न देना कभी भी

अपने अंदर की चिंगारी

जिलाये रखना उसे हर हाल में 

 प्राण -पण से यत्न करके.


 क्योंकि इसमें छिपी ज्योति शलाका 

  प्रज्ज्वलित कर सकती पुनः,

  बुझते हुए दीपकों को भी, और  दिखा सकती तुम्हें

  तुम्हारी  अभीप्सित मंज़िल का रास्ता.


जो भय, निराशा, और दुविधा के

 घोर अंधकार के बीच भी 

 अपनी   अदृश्य  उपस्थिति से 

 सँभाले रहती तुम्हें सच्चे मित्र की तरह.

 

  प्रकाश का यह नन्हा सा कण है 

 तुम्हारी अंतर्निहित  क्षमता का उत्स

  जिस पर कर सकते हो भरोसा

  हर प्रतिकूल मौसम में.

  



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