दिसंबर की धूप --
जैसे स्वर्ग से उतरी कोई स्वर्णपरी
धरती के मुख पर जमे तुषार कणों को
पोंछती अपने कोमल स्पर्श से.
दिसंबर की धूप --
जैसे ग्रीष्म के अत्याचारों से त्रस्त
धरती की प्यास बुझाने उतरतीं
सावन की पहली ठंडी बौछारें.
दिसंबर की धूप --
जैसे लम्बे अरसे से बेरोजगार युवक के लिये
नौकरी का नियुक्ति पत्र लाता
चिर - परिचित डाकिया.
दिसंबर की धूप --
जैसे जाड़े की रात में फुटपाथ पर
कांपते भिखारी को मिलने वाला
गर्म कम्बल का अप्रत्याशित उपहार.
दिसंबर की धूप --
जैसे युद्ध में लापता सैनिक के परिवार को
उसके सुरक्षित होने की शुभ- सूचना देता
सरकारी सन्देश
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