बुधवार, 31 जनवरी 2024

बालिका दिवस पर


  उसका भी अधिकार है

  जन्म लेने का

 आने दो  सुरक्षित

  उसे  संसार में.


       माँ की गोद में आकर

     अधिकार है उसे  विकसित होने का

      मत काटो निर्दयता से 

      उसके जीवन की डोर को.


      निरन्तर आगे  बढ़ते जाना 

      उसकी भी प्रकृति है,

       जाने दो निर्बाध उसे 

      अपने चुने हुए पथ पर 


       अवरोधक मत बनो

       उसकी प्रगति यात्रा में 

       हो सके तो सहायक बन कर

       सँवारो उसका जीवन.


        

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पतझड़ में

                  सच  है  कि बहुत अच्छी लगती हैं,                 वे चमकदार हरी पत्तियाँ -                  पेड़ों का श्रृंगार बनी जो        ...